10th Hindi Subjective (Short) Question Chapter 2 Class (क्लास) 10 हिन्दी सब्जेक्टिव क्वेशन चैप्टर 2 कक्षा 10 हिन्दी सब्जेक्टिव अध्याय पहला Matric (मैट्रिक) Subjective Hindi
1. सेन दंपती खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते हैं और उन संभावनाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा तय की?
उत्तर– सेन दंपती का पुत्र खोखा पाँच साल का हो रहा था। वह शरारत करता हुआ, मोटर गाड़ी की पिछली बत्ती का लाल शीशा चकनाचूर कर देता है। इसे देखकर सेन साहब को लगता है कि इस उम्र से ही इसे कलपुर्जी में इतनी दिलचस्पी है। इस कारण सेन दंपती खोखा में पिता के अनुरूप इंजीनियर बनने की संभावनाएँ देख रहे थे।
इसलिए कारखाने का बढ़ई मिस्त्री दो-एक घंटे के लिए आकर उसके साथ ठीक-ठाक किया करता था ताकि बच्चे की उँगलियाँ औजारों से बाकिफ रहे।
2. “विष के दाँत’ कहानी में कहानी का नायक कौन है? तर्क पूर्ण
उत्तर दें।
उत्तर– आचार्य नलिन विलोचन शर्मा की कहानी ‘विष के दाँत’ का नायक तो काशू को होना चाहिए था लेकिन इसका नायक मदन है। मदन ने ही काशू के के विष के दो-दो दाँत तोड़ डाले। अमीरों की अमीरी की उसे परवाह नहीं था। पट्ठा भिड़ गया और इस कहानी का नायक बन गया।
नायक वह होता है जो कहानी को उसके उद्देश्य तक पहुँचाता है। वह व्यक्ति/बालक है मदन।
अतः मदन ही विष के दाँत का नायक है।
3. ‘विष के दाँत’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर– आचार्य नलिन विलोचन शर्मा ने ‘विष के दाँत’ शीर्षक अत्यंत सार्थक, सटीक एवं चुस्त-दुरुस्त दिया है।
खोरबा और मदन के बीच झगड़ा हो जाता है । मदन गरीब वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है खोखा अमीर वर्ग का।
खोखा के दो दाँत तोड़ डाले गए। मदन के पिता गिरधर ने प्रसन्नता जाहिर की—तूने विष के दो-दो दाँत तोड़ डाले हैं। यह प्रसन्नता का विषय है।
निष्कर्षतः अमीरों का जीवन कृत्रिम होता है। गरीबों का जीवन संघर्षशील होता है। अमीरों का व्यवहार विषपूर्ण होता है। अतः यह शीर्षक अत्यंत सार्थक है।
4. खोखा किन मामलों में अपवाद था?
उत्तर- खोखा का जन्म पाँच लड़कियों के बाद हुआ था। वह नाउम्मीद बुढ़ापे की आँखों का तारा है। खोखा का आविर्भाव तब जाकर हुआ था, जब उसकी कोई उम्मीद सेन दम्पत्ति को बाकी नहीं रह गई थी। खोखा जीवन के नियम का अपवाद था और यह अस्वाभाविक नहीं था कि वह घर के नियमों का भी अपवाद था।
5. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन-पोषण में किए जा रहे
लिंग आधारित भेदभाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर– आचार्य नलिन विलोचन शर्मा ने ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी में अमीरों के परिवार के पालन-पोषण में बरते जाने वाले भेदभाव का चित्रण किया है।
बेटा (खोखा) के सुन्दर भविष्य का सपना सेन परिवार पालता है। उसे इंजीनियर बनाना चाहते हैं। वह उपद्रवी है। वह लड़ाई-झगड़ा करता है। फिर भी उसे आशाभरी नजरों से देखा जाता है। खोखा नाउम्मीद बुढ़ापे का आँखों का तारा है। खोखा से मोटर को भी खतरा है।
बेटियाँ सेन परिवार में पाँच हैं-सीमा, रजनी, आलो, शेफाली और आरती उनके लिए घर में अलग नियम थे, दूसरी तरह की शिक्षा थी और खोखा के लिए अलग दूसरी।
6. सेन परिवार की लड़कियों से मोटर की चमक-दमक को कोई
खास खतरा नहीं था, क्यों?
उत्तर– सेन परिवार की लड़कियों से मोटर की चमक-दमक को कोई खास खतरा नहीं था। इसका मुख्य कारण था कि मिस्टर और मिसेज ने अपनी लड़कियों को भलीभाँति नसीहत दी कि क्या करना चाहिए, क्या नहीं?
7. सेन परिवार में खोखा का आविर्भाव कब हुआ?.
उत्तर– सेन परिवार में खोखा का आविर्भाव उस समय हुआ जब मिस्टर और मिसेज सेन को संतानोत्पत्ति की कोई उम्मीद बाकी नहीं रह गयी थी।
8. नलिन विलोचन शर्मा ने खोखा के प्रति कैसी टिप्पणी की थी?
उत्तर- खोखा के प्रति कहानीकार की टिप्पणी है खोखा का आविर्भाव तब जाकर हुआ था जब उसकी कोई उम्मीद नहीं थी। खोखा जीवन का अपवाद था और वह घर के नियमों का भी अपवाद था।
9. मोटरकार को किससे खतरा था और क्यों?
उत्तर- मोटरकार को खोखा से खतरा था। वह पाँच बहनों के स्वभाव से अलग था। खोखा बड़ा नटखट, उदंड और चंचल था। सेन साहब के नाउम्मीद बुढ़ापे में उत्पन्न होने के कारण वह घर के नियम का अपवाद था।
10. महल और झोपड़ीवालों की लड़ाई में अकसर महलवाले ही जीतते हैं, पर उसी हालत में, जब दूसरे झोपड़ीवाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं। इन पंक्तियों को व्याख्यायित करें।
उत्तर- यह कहानी मध्यवर्ग के अन्तर्विरोधों को उजागर करती है। कहानी का जैसा ठोस सामाजिक संदर्भ है, वैसा ही स्पष्ट मनोवैज्ञानिक आशय भी। महलवालों और झोपड़ीवालों के बीच संघर्ष में झोपड़ी वाले गलती कर बैठते हैं।
11. गिरधर अपने पुत्र को ‘शाबासी’ क्यों दी? ?
उत्तर– मदन की बहादुरी के कारण उसके बाप गिरधर ने शाबासी दी। उसने जिस बहादुरी का काम किया, वह उसके पिता के लिए संभव नहीं था। उसके पिता तो सेनसाहब का नौकर और खिदमदगार था। उसमें कायरता थी, शोषण को सहने की आदत थी।
12. ‘तूने तो बे, खोखा के दो-दो दाँत तोड़ डालें’ का आशय क्या है?
उत्तर- यह कथन प्रस्तुत कहानी का निचोड़ है। खोखा के दो-दो दाँतों को मदन ने तोड़ डाले। ये दाँत दूध के नहीं थे, बल्कि विष के थे। शोषण के थे। जुर्म के थे। यह कथन कहानी की सार्थकता पर प्रकाश डालता है। पुरानी पीढ़ी शोषण को सहती है और नयी पीढ़ी शोषण के दाँत को तोड़ डालती है।
13. आरंभ से ही कहानीकार का स्वर व्यंग्यपूर्ण है। ऐसे कुछ प्रमाण उपस्थित करें।
उत्तर-आचार्य नलिन विलोचन शर्मा ने ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी के माध्यम से अमीरों की प्रदर्शन प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार पर व्यंग्य किया है। कहानी के प्रारंभ में मोटर की बात की प्रस्तुति व्यंग्यात्मक है। पुत्र खोखा की सेन साहब द्वारा प्रशंसा व्यंग्यात्मक है। लड़कियों पर सेन साहब गर्व करते हैं यहाँ भी व्यंग्य है। मदन एवं गिरधर के बीच बात भी व्यंग्यात्मक है।
14. मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानीकार क्या
बताना चाहता है?
उत्तर- मदन और ड्राइवर के मध्य विवाद के द्वारा कथाकार बताना चाहता है कि अपने पर किये गये अत्याचार का विरोध करना पाप नहीं है। मदन शोषण, अत्याचार और जबर्दस्ती के खिलाफ ज्वलित-प्रज्वलित, बदला-प्रतिशोध का प्रतीक है। सेन साहब की गाड़ी को छूने भर की गलती के लिए मदन शोफर द्वारा घसीटा
जाता है। मदन द्वारा उसका मुकाबला करना अत्याचारियों पर विजय प्राप्त करने की कोशिश है। दमन का कड़ा विरोध होना ही चाहिए। उसे समूल नष्ट कर देना चाहिए।
15. काशू और मदन के बीच झगड़ों का कारण क्या था? इस प्रसंग के द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है?
उत्तर– लट्ट खेलने के प्रसंग पर खोखा और मदन में झगड़ा हो गया। मदन लटू खेलने देना नहीं चाहता था। काशू लटू खेलना चाहता था। काशू तैश में आ गया। काशू कम उम्र में ही नौकरों और अपनी बहनों पर हाथ चला देता था। क्या
मजाल कि कोई उसे कुछ कर दे? उसने आव देखा न ताव, मदन को एक घुंसा, रसीद कर दिया।
चोर, गुंडा-डाकू होनेवाला मदन भी कब मानने वाला था । वह झट काशू पर टूट पड़ा।
दूसरे लड़ाई-द्वन्द्व युद्ध का मजा लेने लगे।
लेखक यह दिखलाता है कि यह लड़ाई हड्डी और मांस की, बँगले के पिल्ले और गली के कुत्ते की लड़ाई. है। अहाते में यही लड़ाई हुई रहती, तो काशू शेर हो जाता। यही लेखक दिखलाना चाहता है।
10th Hindi Subjective (Short) Question Chapter 2 Class (क्लास) 10 हिन्दी सब्जेक्टिव क्वेशन चैप्टर 2 कक्षा 10 हिन्दी सब्जेक्टिव अध्याय 2 Matric (मैट्रिक) Subjective Hindi 10th Hindi Subjective (Short) Question Chapter 2